200 सालों से वीरान पड़ा भूतों व रहस्यों से भरा हुआ गाव कुलधरा (Village Kuldhara full of ghosts and secrets)
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे कुलधरा के बारे में कुलधरा राजस्थान के जैसलमेर में बसा हुआ एक छोटा सा गांव था उस गांव का निर्माण पालीवाल ब्राह्मणों ने किया था ऐसा माना जाता है यह गांव अपने समय में एक बहुत ही सभ्य और समृद्ध नगर हुआ करता था और इस गांव की तबाही का मुख्य कारण था जैसलमेर का दीवान सालम सिंह तो दोस्तों जानते हैं इस गांव के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स तो चलिए शुरू करते हैं आज का आर्टिकल|
कुलधरा गांव के बारे में एक कहानी बहुत ही ज्यादा फेमस है जो कि कुछ इस प्रकार हैं
कुलधरा के बारे में ऐसा माना जाता है कि कुलधरा गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं इस गांव को लेकर काफी ग्रंथियां प्रचलित हैं इस गांव में भूतों का निवास है ऐसा माना जाता है| जब पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गांव का निर्माण किया था तब वह बहुत ही सभ्य लोग हुआ करते थे बात तब की है जब सलिमसिंह जैसलमेर का दीवान हुआ करता था | कुछ लोगो का मानना है की पालीवाल सलिमसिंह के अत्याचारों से गाव खाली करके चले गये तो कुछ का मानना है कि सालिम सिंह ने पालीवालो की लड़की से जबरदस्ती शादी करने की जिद की इसलिए पालीवाल अपनी इज्जत बचाने के लिए कुलधरा को खाली करके चले गये वो लोग कहा गये इसका आज तक कोई पता नही चल पाया है |
लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि वह लोग भारत के कोने कोने में जाकर के अलग-अलग बस गए हैं फिलहाल इस बात की पुष्टिकरण का कोई सबूत नहीं है तब से लेकर के आज तक कुलधरा वीरान पड़ा है वहां पर कोई आता जाता नहीं है कुछ लोगों का मानना है कि जब पालीवाल ब्राह्मण यहां से जा रहे थे तब उन्होंने जाते-जाते कुलधरा को श्राप दिया कि यहां पर कोई भी नहीं बच पाएगा जो भी बसेगा मारा जाएगा या फिर उधर जाएगा|
यह बात आपको जितनी सीधी लग रही हैं उतनी है नहीं क्योंकि केवल कुलधरा ही नहीं कुलधरा के 84 गांव रातों-रात खाली हो कर चले गए यह 84 गांव पालीवाल ब्राह्मणों के ही थे एक लड़की की इज्जत बचाने के लिए 84 गांव रातों रात उजड़ गए| तब से लेकर के आज तक कुलधरा वीरान पड़ा है यहां पर कोई नहीं बस पा रहा है कुलधरा जोकि अपने समय में एक विशाल नगर था आज एक खंडहर में तब्दील हो चुका है |
कुलधरा के अंदर दिन में तो लोग जाते हैं लेकिन रात में जाने की कोई हिम्मत तक नहीं करता प्रशासन ने कुलधरा की सीमा पर एक फाटक लगवा दिया है जिसको रात में पार करने की किसी में हिम्मत तक नहीं है कुलधरा अब एक पर्यटन का केंद्र भी बन चुका है यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं |और तो और यहां पर आने वाले पर्यटकों ने भी यह दावा किया है कि उनको कभी-कभी एहसास होता है कि कोई उनके साथ चल रहा है तो कभी-कभी उनको एहसास होता है कि कोई उनके कंधे पर हाथ रख रहा है| कभी-कभी उनको किसी औरत की पायल के बजने की आवाज सुनाई देती है तो कभी-कभी उनको किसी के रोने की आवाज आती है इस गांव की चौकीदारी कर रहे एक बुजुर्ग ने हमें बताया कि उसको भी कई ऐसी आवाजें आती रहती है जो कि अपने आप में एक बहुत ही रहस्यमई आवाज है|अब सवाल यह उठता है कि जिस गांव में कोई आता जाता ही नहीं है तो उस गांव की चौकीदारी करने का क्या मतलब है जब हमने यह सवाल उस बुजुर्ग आदमी से पूछा तो उसने उसका कोई जवाब नहीं दिया और बात को टाल दिया|
उस समय पालीवाल ब्राह्मणों का विज्ञान इतना तेज था कि उन्होंने इस रेगिस्तान में भी खेती करने की सोची थी वह इस योजना में सफल भी हो गए थे और बड़े ही अच्छे से खेती कर रहे थे उनके घर बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से बनाए गए हैं इनके घरों में सर्दियों में सर्दी का बिल्कुल भी अनुभव नहीं होता और गर्मियों में ठंडी हवाएं चलती है कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि कुलधरा वासियों के पास ऐसे कई अविष्कार थे जिनकी वर्तमान समय में काफी आवश्यकता है |
तो दोस्तों यह थी कहानी कुलधरा गांव की आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं आगे मिलता हूं आपसे एक और रहस्य भरी कहानी से तब तक के लिए गुड बाय|
और हां दोस्तों इस रहस्य भरी कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें
कुलधरा गांव के बारे में एक कहानी बहुत ही ज्यादा फेमस है जो कि कुछ इस प्रकार हैं
कुलधरा के बारे में ऐसा माना जाता है कि कुलधरा गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं इस गांव को लेकर काफी ग्रंथियां प्रचलित हैं इस गांव में भूतों का निवास है ऐसा माना जाता है| जब पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गांव का निर्माण किया था तब वह बहुत ही सभ्य लोग हुआ करते थे बात तब की है जब सलिमसिंह जैसलमेर का दीवान हुआ करता था | कुछ लोगो का मानना है की पालीवाल सलिमसिंह के अत्याचारों से गाव खाली करके चले गये तो कुछ का मानना है कि सालिम सिंह ने पालीवालो की लड़की से जबरदस्ती शादी करने की जिद की इसलिए पालीवाल अपनी इज्जत बचाने के लिए कुलधरा को खाली करके चले गये वो लोग कहा गये इसका आज तक कोई पता नही चल पाया है |
यह बात आपको जितनी सीधी लग रही हैं उतनी है नहीं क्योंकि केवल कुलधरा ही नहीं कुलधरा के 84 गांव रातों-रात खाली हो कर चले गए यह 84 गांव पालीवाल ब्राह्मणों के ही थे एक लड़की की इज्जत बचाने के लिए 84 गांव रातों रात उजड़ गए| तब से लेकर के आज तक कुलधरा वीरान पड़ा है यहां पर कोई नहीं बस पा रहा है कुलधरा जोकि अपने समय में एक विशाल नगर था आज एक खंडहर में तब्दील हो चुका है |
कुलधरा के अंदर दिन में तो लोग जाते हैं लेकिन रात में जाने की कोई हिम्मत तक नहीं करता प्रशासन ने कुलधरा की सीमा पर एक फाटक लगवा दिया है जिसको रात में पार करने की किसी में हिम्मत तक नहीं है कुलधरा अब एक पर्यटन का केंद्र भी बन चुका है यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं |और तो और यहां पर आने वाले पर्यटकों ने भी यह दावा किया है कि उनको कभी-कभी एहसास होता है कि कोई उनके साथ चल रहा है तो कभी-कभी उनको एहसास होता है कि कोई उनके कंधे पर हाथ रख रहा है| कभी-कभी उनको किसी औरत की पायल के बजने की आवाज सुनाई देती है तो कभी-कभी उनको किसी के रोने की आवाज आती है इस गांव की चौकीदारी कर रहे एक बुजुर्ग ने हमें बताया कि उसको भी कई ऐसी आवाजें आती रहती है जो कि अपने आप में एक बहुत ही रहस्यमई आवाज है|अब सवाल यह उठता है कि जिस गांव में कोई आता जाता ही नहीं है तो उस गांव की चौकीदारी करने का क्या मतलब है जब हमने यह सवाल उस बुजुर्ग आदमी से पूछा तो उसने उसका कोई जवाब नहीं दिया और बात को टाल दिया|
उस समय पालीवाल ब्राह्मणों का विज्ञान इतना तेज था कि उन्होंने इस रेगिस्तान में भी खेती करने की सोची थी वह इस योजना में सफल भी हो गए थे और बड़े ही अच्छे से खेती कर रहे थे उनके घर बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से बनाए गए हैं इनके घरों में सर्दियों में सर्दी का बिल्कुल भी अनुभव नहीं होता और गर्मियों में ठंडी हवाएं चलती है कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि कुलधरा वासियों के पास ऐसे कई अविष्कार थे जिनकी वर्तमान समय में काफी आवश्यकता है |
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