रूस का वह एहसान जिसे भारत कभी नही भुला सकता indias best friends
रूस का वह एहसान जिसे भारत कभी नही भुला सकता indias best friends
दोस्तों हम सब यह जानते है की सन 1971 में जब भारत ने पश्चिम पाकिस्तान पर हमला कर दिया था। तब पाकिस्तान की साहयता के लिए अमेरिका ने अपने सभी मित्र देशों को बुलाया और पाकिस्तान की मदद करने के लिए आगे आए।
उन दिनों में अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने भारत को खुली चुनौती दी थी आज जो यह अमेरिका हमारा मित्र हैं यह पहले हमारा मित्र नहीं था उस समय उसने हथियारों से भरे हुए जहाज भारत की ओर रवाना कर दिए थे और अमेरिका के साथ उसके कई सहयोगी देशों ने भी ऐसा ही किया था इस मामले से निपटने के लिए
उस समय भारत की मदद के लिए आगे आया और रूस ने अपनी पनडुब्बियों की सहायता से अमेरिका समेत कई यूरोपियन देशों के हथियारों से भरे हुए जहाजों को पानी में मिला दिया और कब्जा जमा लिया इससे भारत बहुत बड़े संकट से बच गया और रूस और भारत ने मिलकर पश्चिम पाकिस्तान यानी कि बांग्लादेश को आजाद करा दिया उस दिनों से भारत और रूस के अंदर बहुत ही बड़े मित्र संबंध स्थापित हो चुके हैं जिन्हें कभी भी तोड़ा नहीं जा सकता और भारत रूस का एहसान कभी भी नहीं भूल सकता|
और जब पाकिस्तान कश्मीर विवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा तब यह फैसला आया था कि भारत को कश्मीर पाकिस्तान को देना पड़ेगा तब इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए रूस ने अपना वीटो पावर इस्तेमाल किया और भारत को बचा लिया
दोस्तों हम सब यह जानते है की सन 1971 में जब भारत ने पश्चिम पाकिस्तान पर हमला कर दिया था। तब पाकिस्तान की साहयता के लिए अमेरिका ने अपने सभी मित्र देशों को बुलाया और पाकिस्तान की मदद करने के लिए आगे आए।
उन दिनों में अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने भारत को खुली चुनौती दी थी आज जो यह अमेरिका हमारा मित्र हैं यह पहले हमारा मित्र नहीं था उस समय उसने हथियारों से भरे हुए जहाज भारत की ओर रवाना कर दिए थे और अमेरिका के साथ उसके कई सहयोगी देशों ने भी ऐसा ही किया था इस मामले से निपटने के लिए
उस समय भारत की मदद के लिए आगे आया और रूस ने अपनी पनडुब्बियों की सहायता से अमेरिका समेत कई यूरोपियन देशों के हथियारों से भरे हुए जहाजों को पानी में मिला दिया और कब्जा जमा लिया इससे भारत बहुत बड़े संकट से बच गया और रूस और भारत ने मिलकर पश्चिम पाकिस्तान यानी कि बांग्लादेश को आजाद करा दिया उस दिनों से भारत और रूस के अंदर बहुत ही बड़े मित्र संबंध स्थापित हो चुके हैं जिन्हें कभी भी तोड़ा नहीं जा सकता और भारत रूस का एहसान कभी भी नहीं भूल सकता|
और जब पाकिस्तान कश्मीर विवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा तब यह फैसला आया था कि भारत को कश्मीर पाकिस्तान को देना पड़ेगा तब इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए रूस ने अपना वीटो पावर इस्तेमाल किया और भारत को बचा लिया
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